लेखनी कहानी -01-Jul-2023
प्रतियोगिता- 2-7-2023
कलम आज उनकी जय बोल-
शब्द-शब्द से भाव उमड़ता
हृदय से मोती नेह निकलता
जो सत्य राह से कभी हटा ना
कलम आज उनकी जय बोल
मरुस्थल में जो पुष्प खिला दे
उजड़े बाग को चमन बना दे
और निरा उदासी दूर भगाए
कलम आज उनकी जय बोल
कुटिल कपट से दूर रहे जो
अवसादों में खुशी भरे जो
चतुर योद्धा सा बढ़ता ही जाए
कलम आज उनकी जय बोल
मन जिसका हो सच्चा दर्पण
रिश्तों में रखता हो समर्पण
दुख दर्द सभी के गले लगाता
कलम आज उनकी जय बोल
आदित्य सरीखे नेत्र तेज हो
जो भारत माँ का पुत्र श्रेष्ठ हो
सदा तिरंगा का मान बढ़ाए
कल आज उनकी जय बोल॥
किरण मिश्रा #निधि#
आधे-अधूरे मिसरे/ प्रसिद्ध पंक्तियाँ
Shashank मणि Yadava 'सनम'
07-Sep-2023 04:40 PM
बेहतरीन
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अदिति झा
17-Jul-2023 12:20 AM
Nice 👍🏼
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Renu
03-Jul-2023 08:00 PM
👍👍
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